माखन लाल चतुर्वेदी
Makhanlal Chaturvedi
चतुर्वेदी भारतीय कवि
जजन्म: 4 अप्रैल 1889, बाबई
निधन: 30 जनवरी 1968, भोपाल
- चतुर्वेदी का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के एक बाबई गाँव में हुआ था। वह 16 साल की उम्र में एक स्कूली शिक्षक बन गए थे। बाद में, वह राष्ट्रवादी पत्रिकाओं प्रभा, प्रताप और कर्मवीर के संपादक थे, और ब्रिटिश राज के दौरान उन्हें बार-बार कैद किया गया था।
- पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जिन्हें पंडित जी भी कहा जाता है, एक भारतीय कवि, लेखक, निबंधकार, नाटककार और पत्रकार थे, जिन्हें विशेष रूप से स्वतंत्रता के लिए भारत के राष्ट्रीय संघर्ष में उनकी भागीदारी और छायावाद में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है।
- पं. माखनलाल चतुर्वेदी को हिन्दी साहित्य में क्रांतिकारी विचारधारा का प्रमुख कवि माना जाता है।
- उन्होंने ‘नार्मल’ परीक्षा उत्तीर्ण कर अध्यापन पारंभ किया,साथ ही हिन्दी, गुजराती, मराठी, अंग्रेजी आदि भाषाओं का भी अध्ययन करतेरहे।
- कुछ वर्ष बाद ‘प्रभा’ के सम्पादकीय विभाग से जुड़कर वे पत्रकारिता करने लगे और बाद में ‘कर्मवीर’ के सम्पादक बन गए। श्री चतुर्वेदी ने वर्ष 1921-22 के ‘असहयोग आंदोलन’ में सक्रिय भाग लिया और गिरफ्तार भी किए गए।
- श्री चतुर्वेदी ने ‘एक भारतीय आत्मा’ के उपनाम से ओजपूर्ण राष्ट्रीय कविताएँ लिखीं। हिमकिरीटिनी, हिमतरंगिणी, युगचरण आदि उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं।
- 1955 में उन्हें उनके काम हिम तरंगिनी के लिए हिंदी में पहले साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उनकी साहित्य सेवा के लिए सागर विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘डी. लिट’ की उपाधि से तथा भारत सरकार ने ‘पद्म-भूषण’ से अलंकृत किया।
- सन् 1968 में उनका निधन हो गया।
- ब्रिटिश राज के दौरान भारतीय राष्ट्रवाद को मजबूत करने वाले उनके कार्यों के लिए, उन्हें युग चरण के रूप में जाना जाता है।