10 Lines on “Maharshi Karve” (Educator) “महर्षि कर्वे” Complete Hindi Biography, Essay for Kids and Students.

महर्षि कर्वे

Maharshi Karve (Educator)

जन्म: 18 अप्रैल 1858, दापोलिक
मृत्यु: 9 नवंबर 1962, पुणे

  1. धोन्धू केशव कर्वे का जन्म एक निर्धन परिवार में हुआ था।
  2. बालक कर्वे का जीवन कठिनाइयों में बीता।
  3. अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्हें 110 मील का दुर्गम रास्ता पैदल तक तय करना पड़ा। लेकिन वह मुसीबतों से कभी घबराए नहीं। जूझकर निरंतर आगे बढ़ते रहे।
  4. ट्यूशनों और वजीफों के बल पर उन्होंने बी.ए. किया।
  5. एलफिंस्टन स्कूल में नौकरी करते हुए ही वे समाज-सेवा से जुड़ गए।
  6. सन् 1891 में गोपाल कृष्ण गोखले का निमंत्रण मिलने पर वे पूना के प्रसिद्ध फर्गुसन कालेज में प्राध्यापक बन गए । वहाँ उन्होंने स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य किया।
  7. अपने ही बलबूते पर उन्होंने एस.एन.टी .डी. महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की। वे विधवा विवाह के समर्थक थे।
  8. अपनी पत्नी के देहांत के बाद एक विधवा से विवाह करके, उन्होंने क्रांतिकारी कदम उठाया। विधवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया।
  9. उनके समाज-सुधार के क्रांतिकारी कार्यों के लिए सन् 1958 में महर्षि कर्वे को भारत के सर्वोच्च अलंकरण ‘भारतरत्न’ से विभूषित किया गया।
  10. 104 वर्ष की अवस्था में सन् 1962 में उनका निधन हो गया।

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