करम सिंह ‘लांस नायक
Karam Singh -Military personnel
जन्म: 15 सितंबर 1915, सेहना, पाकिस्तान
मृत्यु: 20 जनवरी 1993, बरनाला
- लांस नायक करम सिंह, श्री उत्तम सिंह के पुत्र हैं।
- 15 सितंबर 1941 को भारतीय सेना की सिक्ख रेजीमेंट में उनका नामांकन किया गया।
- जम्मू व कश्मीर के टिथवाल क्षेत्र पर 23 मई 1948 को पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था ।
- 13 अक्टूबर, 1948 को शत्रु सैनिकों ने रिछमार गली पर अधिकार करके टिथवाल से होते हुए श्रीनगर घाटी में घुसने की योजना बनाई थी।
- लांस नायक करम सिंह एक सेक्शन का नेतृत्व कर रहे थे। तोपों और मार्टरों से गोलाबारी के साथ हमला शुरू हुआ। इस भयंकर हमले से भारतीय सेना को बहुत नुकसान हुआ।
- प्लाटून के सभी बंकर और संचार खाइयां ध्वस्त हो गई। करम सिंह हिम्मत के साथ एक बंकर से दूसरे बंकर में जाकर सैनिकों का जोश बढ़ाते रहे।
- एक ही दिन में शत्रु ने आठ बार आक्रमण किया। एक आक्रमण में तो शत्र सैनिक प्लाटून क्षेत्र में घुस आए।
- गंभीर रूप से घायल करम सिंह ने अपनी परवाह न करते हुए कुछ सैनिकों के साथ जवाबी हमला किया। दुश्मन के साथ कड़ा मुकाबला करके उनको उस क्षेत्र से भगा दिया ।
- कई शत्रु-सैनिकों को संगीन से मारा। करम सिंह को ‘परमवीर चक्र’ दिया गया।
- उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध में मिलट्री क्रास प्राप्त हो चुका था।