के.पी.एस. मेनन
K. P. S. Menon
जन्म: 18 अक्टूबर 1898, कोट्टायम
मृत्यु: 22 नवंबर 1982, केरल
- कुमार पद्मनाभ शिवशंकर मेनन प्रतिभाशाली अफसरों में से एक थे।
- उन्होंने मद्रास और ऑक्सफोर्ड में शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही वे अद्भुत प्रतिभा के धनी थे।
- सन् 1921 में उन्होंने आई.सी.एस. परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कई शीर्ष स्थानों पर रहने के बाद वे तीन साल तक भरतपुर राज्य के दीवान रहे।
- भारत सरकार ने उन्हें जंजीबार, श्रीलंका, केन्या और युगांडा में भारतीय प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भेजा।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सान फ्रांसिस्को को जाने वाले भारतीय दल का सलाहकार नियुक्त किया गया।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में विदेश सचिव के रूप में काम किया। उन्होंने चीन और रूस के राजदूत के रूप में काम किया। सेवा निवृत्ति के बाद तो वे और भी सक्रिय हो गए।
- वह भारतीय सांख्यिकी संस्थान – संगीत नाटक अकादमी और बाल भवन जैसी संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। भारत-सोवियत सांस्कृतिक संघ का अध्यक्ष बनकर उन्होंने भारत-रूस के संबंधों की नींव बहुत मज़बूत कर दी।
- श्री मेनन जिंदादिल व्यक्ति थे। काम से वे न ही कभी थकते और न निराश होते थे। ‘रशियन पैनोरमा’ और ‘द फ्लाईंग तोएका’ जैसी पुस्तकों ने उन्हें लेखन क्षेत्र में स्थापित किया।
- कूटनीतिज्ञ के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें सन् 1958 में ‘पद्मविभूषण’ से सम्मानित किया। सन 1979 में उन्हें ‘लेनिन सम्मान’ भी दिया गया।
- 22 नवम्बर, 1982 को उनका देहांत हो गया।