जैनेन्द्र कुमार
Jainendra Kumar
(भारतीय लेखक)
जन्म : 2 जनवरी 1905, कौरियागंज
मृत्यु: 24 दिसंबर 1988
- जब जैनेन्द्र कुमार दो वर्ष के थे, तभी उनके पिता प्यारेलाल की मृत्यु हो गई। उनका पालन-पोषण ननिहाल में माँ और मामा के प्रभाव में हुआ। उनका बचपन का नाम आनंदीलाल था।
- प्रारंभिक शिक्षा हस्तिनापुर जैन ब्रह्मचर्य गुरुकुल में हुई। लिखने या लिखना सीखने की ओर शुरू से रुचि होने के कारण उन्होंने मैट्रिक के बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।
- इस बीच स्वतंत्रता आंदोलन का प्रभाव पड़ चुका था। सन् 1920 के असहयोग आंदोलन में उनकी भेंट पं. माखनलाल चतुर्वेदी से हुई ।
- नागपुर के असहयोग आश्रम में कुछ समय रहने के बाद उन्होंने ताप्ती नदी के किनारे कांग्रेस का प्रांतीय सम्मेलन करवाया।
- झण्डा सत्याग्रह में भाग लेने के समय उन्हें जेल भेज दिया गया। गांधीवादी राजनीति से प्रभावित होकर दिल्ली के सत्याग्रह का नेतृत्व किया ।
- देश जाग उठा था’ जैसे लेख लिखने के बाद जैनेन्द्र जी ने सुनीता’, ‘परख’, ‘तपोभूमि’, ‘त्यागपत्र’ जैसे उपन्यास, लगभग 10 कहानी-संग्रह, नाटक, संस्मरण, निबंध आदि लिखे हैं।
- उन्होंने अपने कथा-साहित्य में अनेक स्मरणीय व्यक्तिचरित्रों का निर्माण किया।
- कहानी के चरित्रों का मनोवैज्ञानिक चित्रण करके समकालीन हिन्दी साहित्य में विशिष्ट स्थान बनाया ।
- जैनेन्द्र जी को पद्मश्री, साहित्य अकादमी तथा अणुव्रत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
- सन् 1988 में उनका देहांत हो गया।