जदुनाथ सिंह, ‘नायक‘
Jadunath Singh
(सैन्य कर्मचारी)
जन्म: 21 नवंबर 1916, खजूरीक
मृत्यु: 6 फरवरी 1948, नौशेरा, जम्मू और कश्मीर
- नायक जदुनाथ सिंह, श्री बीरबल सिंह के पुत्र थे।
- 21 नवम्बर, 1941 को उन्हें भारतीय सेना की 1 राजपूत रेजीमेंट में नामांकित किया गया।
- वह 6 फरवरी, 1948 को तेनधार की दो नम्बर पिकेट पर एक अग्रिम चौकी की कमान संभाले हुए थे। उनकी कमान में केवल नौ सैनिक थे।
- पाकिस्तानी सैनिकों की बड़ी संख्या के सामने अपने शौर्य और सूझबूझ से उन्होंने अपनी कम संख्या का प्रयोग इस प्रकार से किया कि दुश्मन घबराकर वापस लौट गया।
- दूसरे हमले का मुकाबला भी बहुत धैर्य और साहस से किया।
- एक हाथ घायल होने पर गनर से ग्रेनगन ले ली और दुश्मन को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
- दुश्मन के तीसरे हमले तक उनके सभी सैनिक बुरी तरह घायल हो चुके थे। वह ग्रेनगन लेकर अकेले ही दुश्मन की ओर बढ़ते चले गए और गोलियों की बौछार कर दी।
- इस आकस्मिक हमले से शत्रु घबरा गया। इस अंतिम आक्रमण में जदुनाथ सिंह शहीद हो गए।
- उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- वह इस पुरस्कार को पाने वाले सबसे पहले नान-कमीशंड अधिकारी थे।