दत्ता सामंत
Dutta Samant
भारतीय राजनेता और ट्रेड यूनियन नेता
जन्म: 21 नवंबर 1932, घाटकोपर, मुंबई
हत्या: 16 जनवरी 1997, मुंबई
- दत्ता सामंत पेशे से चिकित्सक थे, किन्तु उन्हें प्रसिद्धि श्रम आंदोलन के कारण मिली।
- आरंभ में डॉ० सामंत श्रमिक बहुल क्षेत्र विकोली में अपना चिकित्सालय चलाते थे।
- उस समय उनके पास गोदरेज कम्पनी के श्रमिक ईलाज के लिए आते थे।
- यहीं से उनका श्रमिकों से संवाद शुरू हुआ। छठे दशक में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और श्रमिकों के संगठन बनाने लगे। उन्होंने पहला संगठन गोदरेज कम्पनी में ही बनाया।
- उनके प्रति मजदूरों का विश्वास पहली बार तब से बढ़ने लगा, जब वे प्रीमियर आटोमोबाईल के श्रमिकों का वेतन तीन गुना बढ़वाने में सफल हो गए थे।
- वे पहली बार देशभर में तब चर्चित हुए थे, जब सन् 1982 में राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ के केन्द्र कपड़ा
- उद्योग में अपने मजदूर संघ को मान्यता दिलाने के लिए 18 महीने की देशव्यापी हड़ताल कराई थी। यह हड़ताल मिल श्रमिकों की विश्व की सबसे लम्बी हड़ताल थी।
- यहाँ तक कि सन् 1989 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद से वे मजदूर नेता के रूप में प्रसिद्ध होते चले गए। वे दस लाख मजदूरों के एकछत्र नेता थे।
- उन्होंने अनेक मजदूर संगठनों को राजनीतिक रूप देकर कामगार अगाड़ी की स्थापना की थी।
- 16 जनवरी, 1997 को मुम्बई में उनकी हत्या कर दी गई।