10 Lines on “Dr. Atmaram (Indian Scientist)” “डॉ० आत्माराम ” Complete Hindi Biography, Essay for Kids and Students.

डॉ० आत्माराम 

Dr. Atmaram

 

जन्म : 1908,

पिलाना (उत्तर प्रदेश)

  1. महान् वैज्ञानिक डॉ० आत्माराम रसायनज्ञ के रूप में विश्व-विख्यात हैं ।
  2. उन्होंने फारसी और उर्दू भाषा लेकर मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। इसके कारण इंटर में विज्ञान की पढ़ाई अंग्रेजी में होने के कारण उन्हें समझ में नहीं आती थी।
  3. एक विज्ञान शिक्षक से विज्ञान की मूल बातें हिंदी में समझने के बाद वह कभी नहीं रुके। विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह डॉ० मेघनाद साहा और डॉ० भटनागर जैसे वैज्ञानिकों के संपर्क में आए।
  4. कलकत्ता में कांच और सिरेमिक प्रयोगशाला में निदेशक पद पर रहकर उन्होंने कांच बनाने के संबंध में अनेक अनुसंधान किए। विज्ञान जगत को उनकी सबसे बड़ी देन समांगी कांच (‘ऑप्टीकल ग्लास’) है।
  5. इसका प्रयोग रेंज फाइण्डर, पनडुब्बी, पैरीस्कोप, दूरबीन, कैमरा, आकाश में चित्र लेने वाले उपकरणों आदि में होता है। डॉ० आत्माराम की खोज से पहले यह काँच सिर्फ जर्मनी में बनता था।
  6. जर्मनी इसका रहस्य किसी को नहीं बताता था।
  7. डॉ० आत्माराम की प्रतिभा, लगन और श्रम से भारत ने इस काँच का आयात बंद कर दिया।
  8. उनके कार्यों पर मुग्ध होकर शेफील्ड की ग्लास टैक्नोलॉजी सोसायटी ने उन्हें अपना फेलो चुना। वर्ष 1967-71 तक वे ‘वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ के महानिदेशक रहे।
  9. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष भी रहे। अपने बचपन की कठिनाईयों से प्रेरित होकर उन्होंने हिंदी में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने की दिशा में बहुत कार्य किया। ‘भारत की संपदा’ नामक विश्वकोश उन्हीं के सपनों का साकार रूप है।
  10. जीवन के हर पक्ष में सरलता व सादगी उनका विशेष गुण रहा, इसलिए उन्हें ‘गांधीवादी वैज्ञानिक’ कहा जाता है। उनका निधन सन् 1985 में हुआ।

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