सी आर आचारयेलू
C.R.Acharyulu
जन्म : 15 अगस्त, 1919
कुचिपुडी (आंध्र प्रदेश)
- आचारयेलू का जन्म प्रसिद्ध नादयाचार्य परिवार में हुआ था।
- कुचिपुडी नृत्य की शिक्षा प्राप्त करके उन्होंने नुजविद समस्थानम् में लंबे समय तक नृत्य की शिक्षा दी।
- उन्होंने मंदिरों में नृत्य करने वाली नृत्यांगनाओं को सिहमंदिनी, मयूर कवुत्तम, गणेश कवुत्तम और महालक्षअमी उद्भवन की शिक्षा दी।
- ये सभी नृत्य दुर्गा पूजा के जुलूस से पहले की भावाभिव्यक्ति थे।
- उन्होंने यामिनी कृष्णमूर्ति, मलिका साराभाई जैसी सुप्रसिद्ध नृत्यांगनाएं तैयार की।
- उन्होंने कुनिपुडी के लिए तीन पाठ्य पुस्तकें लिखी हैं।
- सन् 1979 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, आंध्र प्रदेश सरकार ने सारंग देव और मुम्बई में सुर सपाट की उपाधि दी गई।
- अन्य प्रत्यक्ष प्रवृत्ति श्री सी.आर. आचार्युलू की है जो पुराने समय की जठियों और मुक्ताई से परिपूर्ण कुचिपुड़ी की एक बहुत ही विशिष्ट अनूठी शैली प्रस्तुत करती है।
- सन् 1998 में उनका निधन हो गया ।