अपने मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें वर्णन कीजिए कि आप आयकर विभाग में निरीक्षक के रूप में रोजगार क्यों चाहते हैं

अपने मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें वर्णन कीजिए कि आप आयकर विभाग में निरीक्षक के रूप में रोजगार क्यों चाहते हैं, यह मानते हुए कि आपके मित्र को उन कर्त्तव्यों की कोई जानकारी नहीं है जिसका निर्वाह एक आयकर निरीक्षक को करना पड़ता है।

परीक्षा भवन,

5 अप्रैल,

प्रिय राजेश,

तुम्हारे उस स्नेहमयी-पत्र के लिए बहुत धन्यवाद जो मुझे कल मिला। तुम आश्चर्यचकित होगे कि मैं आयकर विभाग में निरीक्षक बनने के लिए उत्सुक क्यों हूँ। तुम्हें इस विचार से सहमत होने में मुश्किल होगी क्योंकि यह एक पुलिस की नौकरी है जिसमें कर-अपवंचकों एवं कपटी लोगों से निपटना होता है।

दुर्भाग्य से इस देश में एक परंपरा बन गई है कि आयकर विभाग में रोजगार चाहने वाला कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार के दलदल में फँस जाने के प्रति चिंतित है। जब मैं ऐसी स्थिति की विडम्बना का मूल्यांकन करता हूँ तो मैं यह सोचता हूँ कि अपने देश, विशेषकर राजस्व और कर संग्राहक के रूप में महत्त्वपूर्ण विवेकाधिकार प्राप्त आयकर अधिकारियों और निरीक्षकों कारगुजारी से प्रशासन की प्रतिष्ठा का क्या होगा ? भ्रष्ट लोग अपने भ्रष्ट एवं लालची की चुके हैं कि जनमानस में अंकित गलत व्यवहार से पूरे विभाग की प्रतिष्ठा को इतना बर्बाद कर प्रभाव को दूर करना कठिन काम है।

मैं तुम्हें आश्वासन दे सकता हूँ कि जैसे ही मैं इससे जुड़ जाऊँगा वैसे ही अपनी कर्तव्यनिष्ठा दिखाने का प्रयास करूँगा। मैं सच्चाई से यह महसूस करता हूँ कि भ्रष्टाचार ही भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास का सबसे बड़ा शत्रु है। यदि इनमें से सभी ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य का पालन करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करते और निजी स्वार्थ की तुलना में राष्ट्र-हित को अधिक महत्त्व देते तो भारत निश्चित रूप से नए युग में प्रवेश कर सकता था।

एक आयकर निरीक्षक के रूप में मैं अहंकार या द्वेष के बिना आयकर कानून का प्रतिपादन करूँगा और नियमों के तहत आवश्यक आचार-संहिता का कड़ाई से पालन करूँगा। मैं जानता हूँ कि मुझे ईमानदारी के मार्ग से हटने के लिए प्रलोभन दिया जा सकता है किंतु मैं ईमानदारी से इन्हें अस्वीकार कर दूंगा और हमेशा अपने स्वार्थ की तुलना में देश-हित को प्राथमिकता दूगा।

मैं आशा करता हूँ कि मेरे इस लक्ष्य के प्रति तुममें गलत धारणा नहीं होगी कि आयकर विभाग में रोजगार प्राप्त करने के पीछे मेरी प्रेरणा स्वार्थी है। वास्तव में, मैं केवल स्वयं ही ईमानदारी के मार्ग का अनुसरण करने का प्रयास नहीं करूँगा बल्कि ऐसा ही काम करने के लिए अपने सहकर्मियों को भी अधिक से अधिक प्रभावित करने का प्रयास करूँगा।

अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना और कुकी को मेरा प्यार देना।

मैं आशा करता हूँ कि तुम इसका जबाव लिखोगे।

तुम्हारा सच्चा मित्र,

(क)

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