पायजामा
Trousers
(रात को सोने में आरामदायक वस्त्र)
पायजामा सिर्फ भारत और अरब देशों में ही नहीं वरन् पूरे विश्व में पहना जाता है। हालांकि इसका उद्भव भारत और फारस में हुआ था। ‘पायजामा’ फारसी के शब्दों का मिश्रण है। ‘पाय’ का अर्थ है टांग, ‘जामा’ का अर्थ है कपड़ा या वस्त्र, अर्थात् जो कपड़ा पैरों में पहना जाए। उसे पायजामा कहा जाता है।
प्राचीनकाल में भारत व फारस में ढीले पायजामे पहने जाते थे। उधर यूरोप में अजीब रिवाज था। या तो लोग सर्दियों में दिन के कपड़े पहनकर ही सो जाते थे या गरमियों में नंगे ही सोना पसन्द करते थे। |
सोलहवीं सदी में यूरोप में लोगों ने रात के वस्त्र पहनकर ही सोना प्रारम्भ किया। वे अब रात की अलग शर्ट पहनते थे, जो दिन की शर्ट की अपेक्षा हलकी और सादी होती थी। इसी तरह सत्रहवीं सदी में पायजामा भी यूरोप में पहुंच गया, पर इसे रात्रि का वस्त्र बनने में लगभग सौ साल के प्रारम्भ में लड़कियों और महिलाओं ने देखा कि यह तो बड़ा आरामदायक वस्त्र है। अब उन्होंने भी इसे पहनना प्रारम्भ कर दिया।