सुबह की सैर
Subah Ki Sair
सुबह सूर्य के साथ उठनेवाला, सूर्य के तेज को पाता है, ऐसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है। पक्षियों की चहचहाहट और कोमल किरणों से भरा आकाश हमारे शरीर में ताजगी भर देता है। यह नि:शुल्क ही हमें स्वास्थ्य की कुंजी दे देता है।
प्रात:काल सैर करते लोगों को मंद, सुगंधित वायु स्नेहपूर्वक गले लगाती है। हमारी चाल में स्वयं ही तेजी और चस्ती आ जाती है। इस समय की शांति हमारे मन को भी शांत करती है।
इस समय की सैर शरीर और शरीर के अंगों को यौवन प्रदान करती है। हमारे घर में हमारे दादा-दादी प्राय: सुबह की सैर के बाद अपने आप में नया जोश महसूस करते हैं। सुंदर प्राकृतिक दृश्य हमारे मन को तनाव से
मुक्त करते हैं। हमारी ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है और हम पूरा दिन उत्साहित महसूस करते हैं। नियमित सैर से यह भी पाया गया है कि बुधि की क्षमता बढ़ती है और छात्रों का परीक्षा में प्रदर्शन और निखर जाता है। अत: सुबह की सैर शरीर व मन दोनों को लाभ पहुँचाती है। जैसे दालें, अंडे, माँस, सोयाबीन इत्यादि । शरीर को ताकत देने के लिए रोटी, चावल, दालें व निम्न मात्रा में मक्खन, घी आदि आवश्यक हैं। । छात्र जीवन
कक्षा व गृह कार्य के समय बैठे हुए अधिक व्यतीत होता है, इसलिए तैलीय चीजों का सेवन कम मात्रा में ही होना चाहिए। ज्यादा मात्रा में यह मोटापा और उससे जुड़े रोगों को निमंत्रण देती है। दूध, हरी
सब्जियाँ, फल और मछली इत्यादि हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती हैं। इनमें सभी आवश्यक विटामिन व मिनरल होते हैं। पौष्टिक भोजन ही स्वस्थ जीवन का आधार है। कभी-कभी जंक भोजन का सेवन केवल मुँह के स्वाद को तृप्त करता है परंतु इससे अधिक और कुछ भी नही