समाचारपत्र
Samachar Patra
समाचारपत्रों का विकास इटली में 16वीं शताबदी में हुआ था। आज देशविदेश की खबरों और भाषा वृधि के ये साधन, हर घर की सुबह की चाय के साथी हैं।
भारत में अंग्रेजी शासन के समय क्रांतिकारियों ने जन समुदाय तक अपने विचार पहुँचाने के लिए इसका प्रयोग किया था। ईश्वरचंद्र विद्यासागर, बंकिमचंद्र, भगत सिंह, राजा राममोहन रॉय ने अनेक समाचारपत्र निकाल इनके विकास में योगदान दिया।
समाचारपत्र दैनिक, साप्ताहिक या मासिक हो सकते हैं। आज भारत में लगभग सभी क्षेत्रीय भाषाओं में समाचारपत्र उपलब्ध हैं। इनमें सामाजिक विचारधाराएँ, व्यवसायिक उतार-चढ़ाव, राजनैतिक, वैज्ञानिक आदि समाचारों के अलावा विज्ञापन भी होते हैं।
समाचारपत्रों में हमें अपने विचार, कविताएँ, कहानियाँ आदि भेजने की छुट होती है। आजकल विद्यालयों के लिए अलग से इनका संस्करण निकाला। जाता है। इनमें विद्यालयों की गतिविधियों व छात्रों के द्वारा की गई रचनाएँ। सम्मिलित की जाती हैं।
समाचारपत्र हमारे मस्तिष्क की दैनिक औषधि है। इनका तुरंत पाठन भी हमें विश्वभर के प्रति ज्ञानवान बना देता है।