लाल किला
Red Fort
निबंध नंबर :- 01
यमुना के पश्चिमी तट पर शाहजहाँ की एक और कल्पना लाल किले के रूप में खड़ी है। लाल पत्थर से बना यह विशाल किला मुगलों की राजधानी दिल्ली की शान, सदा से बढ़ाता रहा है।
1638 में इस विशाल किले का कार्य आरंभ किया गया था। नौ वर्ष में यह बनकर तैयार हुआ और शाहजहाँ के शासनकाल में उनका निवास बना।
उस समय दिल्ली उनकी राजधानी थी और शाहजहाँनाबाद नाम से प्रसिद्ध थी। व्यापार हेतु चाँदनी चौंक का बाजार किले के आसपास बनवाया गया था। यहीं नगर वासियों के घर भी थे।
लाल किला अपने में विशाल कमरे, संगमरमर के भवन और शाही बाजार समेटे था। इसी के अंदर दरगाह भी थी। बगीचों और फव्वारों की शोभा आज भी अद्भुत है। लाल किला सुरक्षा की दृष्टि से 60 फुट ऊँची दीवारों से घिरा हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजों से आज़ादी पाने पर यहीं से तिरंगा फहराया था। आज हर 15 अगस्त को हमारे प्रधानमंत्री यहाँ से पूरे राष्ट्र को संबोधित करते हैं। इस किले में अब
हमें युद्ध संग्राहलय व स्वतंत्रता संग्राम संग्राहलय देखने को मिलता है। यहाँ मुगल राज से जुड़ी चित्रकारी, वस्त्र, हुक्के आदि देख मुगल राज सजीव प्रतीत होने लगता है।
निबंध नंबर :- 02
दिल्ली का लाल किला
Delhi ka Lal Quila
भारत की राजधानी दिल्ली में अनेक इमारते हैं परन्तु लाल किला उनमें सर्वश्रेष्ठ है। यह दिल्ली के चाँदनी चौंक के अन्त में स्थित है। इसके पीछे यमुना नदी बहती है। लाल किले का निर्माण मुगल काल के कला प्रेमी शाहजहाँ ने सन् 1648 में करवाया था। लाल किले के दो बड़े प्रांगण हैं- दीवाने आम, दीवासे खास। दीवाने आम में शहशाह शाहजहाँ दरबार लगाया करता था तथा जनता की आय शिकायते सुना करता था। लाल किले के दीवाने खास में शाहजहाँ का व्यक्तिगत निवास था जहाँ आम जनता नहीं जाती थी। लाल किले का नक्शा मुगलकालीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। लाल किले में तख्ते ताउस भी था जिस पर बैठ कर शाहजहाँ दरबार लगाया करता था। कहा जाता है कि लाल किले में अनेक हीरे जवाहरात आदि जड़े थे जिन्हें विदेशी लुटेरे लूटकर आपने साथ ले गए। आजकल लाल किले में एक संग्रहालय बना दिया गया है जिसमें मुगलकाल से सम्बन्धित अनेक दुर्लभ वस्तुएँ रखी गई हैं। इसी संग्रहालय में मुगलकालीन हथियार भी दिखाए गए हैं। लाल किले में एक मोती मस्जिद भी है। लाल किले में प्रवेश करते ही एक बाजार भी बना दिया गया है जिसमें अनेक कलात्मक चीजें बिकती हैं। अनेक विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं। 15 अगस्त को प्रतिवर्ष लाल किले पर ही देश के प्रधानमन्त्री तिरंगा फहराते हैं। यह सारा लाल पत्थरों से बना हुआ है।