रानी लक्ष्मीबाई
Rani Laxmi Bai
सन् 1830 में, बनारस में, एक संपन्न परिवार में मनु नाम की बालिका का जन्म हुआ था। उन्होंने छोटी आयु में ही पढ़ना, लिखना व शस्त्र चलाना सीख लिया था।
आगे चलकर विवाह के उपरांत उनका नाम रानी लक्ष्मीबाई पड़ा। उनका विवाह झांसी के महाराज गंगाधर राव से चौदह वर्ष की अल्प आयु में हुआ।
था। उस समय भारतीय राजाओं का बिस्तर गोल करने के लिए ब्रिटिश राज ने उनसे एक समझौता किया हुआ था। किसी भी नि:संतान राजा का शासन सीधा अंग्रेजी सरकार के पास चला जाएगा। गंगाधर राव के दादा जी ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए थे।
गंगाधर राव की अचानक मृत्यु के बाद रानी लक्ष्मीबाई ने दामोदर राव को गोद लिया। अंग्रेजी सरकार ने कई विनतियों के बाद भी उन्हें उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया।
कई घमासान लड़ाइयों में रानी की सेनाएँ बिखर गईं, पुन: वे किसी दूसरे राजा की सेना गठित कर युद्ध करती गईं। अंतत: उन्हें अपने प्राण और राज्य दोनों त्यागने पड़े।
‘बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मरदानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।”