मेरी अविस्मरणीय यात्रा
Meri Yadgar Yatra
हमारे जीवन में कुछ अनुभव ऐसे होते हैं जो बहुत समय तक हमारे मन से नहीं उतरते। ऐसे अनुभव अत्यंत रोमांचक होते हैं।
हमारे विद्यालय द्वारा आयोजित जयपुर की नखराली ढानी की एक छोटी-सी यात्रा मैं भूल नहीं पाता। दो दिन की इस यात्रा के सभी अनुभव मुझे सचित्र याद हैं। यह मेरी अपने माता-पिता से अलग पहली यात्रा थी।
यात्रा से एक रात पहले मैं उत्साहवश सो भी नहीं पाया। यात्रा के पहले दिन हम सुबह पाँच बजे विद्यालय पहुँचे और फिर बसों में बैठ जयपुर की ओर निकले। छह घंटे की इस बस यात्रा में हमने गाते-बजाते खूब मजे किए।
दोपहर में हम अपने गंतव्य पर पहुँचे । नखराली ढानी राजस्थान का सच्चा प्रतीक थी। रंग, सजावट और सत्कार में राजसी आन-बान थी। दीवारों, दरवाजों और कमरों के रंग-रूप और चित्रकारी में राजस्थानी गांव का पुन: निर्माण था। चारपाइयों पर सोने का अपना ही रोमांच था। भोजन के पश्चात् हमने आराम किया।
सायंकाल ढानी के मेले में हमने खरीदारी, ऊँट की सवारी और देसी घी के राजस्थानी भोज का आनंद लिया। कालबेलिया नृत्य और एकतारे के सुरों से वातावरण पूँज रहा था।
अगले दिन नाश्ते के बाद हमने कठपुतली नृत्य देखा और खूब तस्वीरें खींचीं। इस यात्रा के बाद मुझमें स्वावलंबन की भावना जागी तथा आत्मबल भी बढ़ा।
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