मेरी परीक्षा
Meri Pariksha
हमारे लिखने-पढ़ने की क्षमता परीक्षा के अंकों द्वारा ही पता चल पाती है। हम सभी की पाठशालाओं में परीक्षा के अलग-अलग नियम और तरीके होते हैं।
मेरी पाठशाला में हर सोमवार परीक्षा होती है। इसमें पूरे सप्ताह किए गए कक्षा और गृहकार्य में से प्रश्न पूछे जाते हैं।
मुझे परीक्षा से कभी डर नहीं लगा। मैं रोज घर जाकर अपनी माँ के साथ सभी विषयों की पढ़ाई करता हूँ। इससे मेरी स्मरणशक्ति भी अच्छी हो गई है।
मेरी माँ मुझे ध्यान से धीरे-धीरे लिखने को कहती हैं। इससे परीक्षा में लिखाई स्वच्छ हो जाती है और अध्यापिका को मेरा परीक्षा-पत्र अच्छा लगता है।
मेरे अंकों से मुझे और अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।