मेरा प्रिय उपहार
Mera Priya Uphar
हम सभी अपने जन्मदिन की बहुत प्रतीक्षा करते हैं। हमारे मित्र और संबंधी हमारे लिए ढेरों उपहार लाते हैं। जन्मदिन की दावत के बाद मैं तुरंत सभी उपहार खोलने लगता हूँ।
मेरे इस जन्मदिन पर हमने खूब मज़े किए। मेरे उपहारों में सबसे रोचक एक बंदूक थी। यह बैटरी से चलती है। इसमें दो छोटे सैल डलते हैं। चालू करने पर इसके आगे लाल बत्तियाँ जलती हैं और इसमें से खब।
आवाज़ भी आती है। हरे रंग की इस बंदूक के ऊपर ‘भारतीय सेना’ लिखा है।
मैं और मेरा छोटा भाई इस बंदूक के साथ खूब देर तक चोर-पुलिस का खेल खेलते हैं। कभी-कभी हम भारत-पाकिस्तान सेना भी बनते हैं और खूब मस्ती करते हैं।
इस बंदूक की बैटरी समय-समय पर खत्म हो जाती है और बदलनी पड़ती है। मैं इसे सदा संभाल कर अपने दराज में ही रखता हूँ।
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