मैं तितली हूँ
Mein Titli Hu
रंग-बिरंगी, नीली-पीली, मैं फूलों पर मंडराती तितली हूँ। मेरे नन्हें शरीर को मेरे दो रंगीले और चमकीले पंख संभालते हैं।
बच्चे मेरे रंग पर मोहित हो मेरे पीछे भागते हैं। मैं उनसे अधिक फुर्तीली हूँ इसलिए उनसे बच निकलती हूँ।
मुझे फूल बहुत लुभाते हैं। जिन घरों में सुंदर, रंग-बिरंगे फूलों का बगीचा होता है, मैं उन्हें कभी नहीं छोड़ती। मैं अपनी साथी तितलियों के साथ सदा फूलों से रसपान करती रहती हूँ।
मेरा जन्म एक नन्हे से अंडे से होता है। उसमें से धीरे-धीरे लारवा निकलता है, जो फिर तितली बन आज़ाद घूमता है।
मुझे वसंत ऋतु बहुत प्रिय है। इसी समय रंग-बिरंगे और खुशबू बिखेरने वाले फूलों की भरमार होती है और मैं पेटभर भोजन करती हूँ।