मैं मज़दूर हूँ
Mein Majdoor Hu
धूप, सरदी और बारिश में जुटे रहनेवाला मैं एक मजदूर हूँ। मैंने छोटी आयु से ही प्रतिदिन मेहनत कर अपने लिए रोटी का प्रबंध किया है।
मैं आपके लिए घर, सड़कें, भवन आदि बनाता हूँ। पत्थर तोडना व उन्हें उठाना, रेत और मिट्टी में पूरा दिन बिताना मेरा काम है। मुझे कठिन परिश्रम का फल कुछ रुपयों से मिलता है।
आपके लिए सुंदर भवन बनानेवाला मजदूर रात को फुटपाथ पर सोता है। फटे-पुराने कपड़ों में हर मौसम निकाल देता है। कभी कभी मैं अपने लिए कच्चा घर बना लेता हूँ, परंतु उसे भी चुनाव के समय नेता गिरा देते हैं।
अभाव के इस जीवन में भी मैं सदा खुश रहता हूँ और कभी शिकायत नहीं करता।