जब मैं कक्षा में प्रथम आया
Jab me Class me First Aaya
मैं दूसरी कक्षा में इस पाठशाला में आया था। तब इस वर्ष के तीन माह निकल चुके थे। मेरी माता जी मेरी पढ़ाई पर बहुत ध्यान देती हैं इसलिए वे इस बात से दुखी थीं कि मैं पीछे रह जाऊँगा।
हमारी पाठशाला में हर सोमवार परीक्षा होती हैं। पूरी लगन और माँ। के सहयोग से मैं हर परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता गया। मेरे काम की सफ़ाई से भी मेरी अध्यापिका बहुत खुश थीं। वे मुझे एक अंक लिखाई के लिए बढ़ा कर देती थीं।
अपने अंकों और अपनी अध्यापिका जी के प्रोत्साहन से मैं वार्षिक परीक्षा में प्रथम आया। मेरी माँ फूली न समाई। वार्षिक उत्सव पर जब । मुझे पुरस्कार मिला तो उनकी आँखें भर आईं। मैं उनकी इस खुशी के लिए निरंतर कार्य करता रहूँगा।