हमारा बस ड्राइवर
Hamara Bus Driver
मैं ज्ञान मंदिर विद्यालय में पाँचवीं कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरे घर से बस संख्या 11 हमें विद्यालय लाती है। इस बस में केवल पाँचवीं तक के ही बच्चे होते हैं। सबसे बड़ा होने के कारण हमारे बस ड्राइवर, चंद्रपाल ने मुझे सबका ध्यान रखने की जिम्मेदारी दी है। चंद्रपाल स्वयं भी हम सबका बहुत ध्यान रखते हैं।
हम उन्हें भईया कह कर पुकारते हैं। वे सदा समय पर बस लाते हैं। । बस स्टाप पर शीघ्रता नहीं करते और जब तक सभी बच्चे बैठ नहीं जाते, वे | बस नहीं चलाते । भईया किसी का हाथ खिड़की से बाहर होने पर स्वयं फटकार लगाते हैं। सड़क नियमों का पालन करते हुए वे सदा मुसकराते रहते हैं।
उनका बड़ा शरीर और घनी मूंछों से पहले तो सभी डर जाते हैं पर उनके विनम्र स्वभाव से सब उनके मित्र भी हो जाते हैं।
भईया हमेशा मेरे कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं कि हम दोनों मिलकर बस चलाते हैं। उनका प्रोत्साहन मेरा मनोबल और बढ़ा देता है।