दशहरा
Dushera
दशहरा या विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। इस दिन श्री राम ने रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद वे सीता को लेकर अयोध्या वापस आए थे।
दशहरे के दिन बड़े-बड़े मैदानों में रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुंभकर्ण के पुतले लगाए जाते हैं। इनमें पटाखे भर दिए जाते हैं। संध्या समय इन्हें जलाया जाता है। दशहरे का यह दृश्य देखने लोग दूरदूर से आते हैं।
दशहरे से दस दिन पहले से रामलीलाओं का भी आयोजन होता है। इनमें श्री राम के पूरे जीवन की घटनाओं का मंचन होता है।
दशहरे के दिन घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनते हैं और एक दूसरे को खिलाए जाते हैं। यह त्योहार इस बात का सूचक है कि बुरे काम करनेवाला कितना ही ताकतवार क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है।