बढ़ती जनसंख्या
Badhti Jansankhya
Essay No. 1
आज स्वतंत्र और विकासशील भारत की सबसे बड़ी समस्या है उसकी जनसंख्या। इस समस्या से जुड़े अन्य अभिशाप हैं गरीबी और बेरोजगारी ।
भारत में हर एक मिनट में 47 बच्चे जन्म लेते हैं। भारत भूमि पर जीवन निर्वाह के लिए साधन वही हैं जितने पहले थे। बढ़ती आबादी का बोझ सीमित अन्न-धन पर पड़ने से विकास कार्यों की गति भी धीमी हो जाती है।
अनपढ वर्ग में यह समस्या अधिक है क्योंकि उन्हें लगता है कि जितने हाथ होंगे, उतनी ही कमाई करेंगे। साक्षर लोगों में इस समस्या का मूल कारण लड़के और लड़की का भेद है क्योंकि उन्हें पुत्रियों के बाद पुत्र की कामना होती है।
बढ़ती जनसंख्या के दुष्प्रभावों में बढ़ते रोग, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, मॅहगाई, चोरी आदि हैं। हर स्थान पर बढ़ती भीड़, गंदगी और अव्यवस्था खुशहाली के विपरीत लाचारी ला रही है।
लड़के और लड़की की समानता और एक या दो बच्चों के नियम को बढ़ावा देना ही इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। सीमित जनसंख्या ही देश के विकास का भरपूर लाभ उठा सकती है।
बढ़ती जनसंख्या का भयावह रूप
Badhti Jansankhya ka Bhayavah Roop
Essay No. 2
विचार-बिन्दु- • जनसंख्या वृद्धि-एक भयावह समस्या • परिणाम • कारण और समाधान।
भारतवर्ष की सबसे बड़ी समस्या है-जनसंख्या वृद्धि। भारत की आबादी 120 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या का पहला कारण है-अनपढ़ता। दूसरा कारण है-अंधविश्वास। अधिकतर लोग बच्चों को भगवान की देन मानते हैं। इसलिए वे परिवार नियोजन को अपनाना नहीं चाहते। लड़के-लड़की में भेदभाव करने से भी जनसंख्या बढ़ती है। तेजी से बढ़ता जनसंख्या के कारण पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर समस्या आज हमारे सामने खड़ी है। कृषि योग्य भूमि का क्षय हो रहा है। वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। बेकारी बढ़ रही है। परिणामस्वरूप लूट, हत्या, अपहरण जैसी वारदातें बढ़ रही है।लोगों का बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार को चाहिए कि वह परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति दे। सरकार को चाहिए कि इस दिशा में कठोरता से नियम लागू करे अन्यथा आने वाली पीढ़ी को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।