Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Newspaper”, “समाचार-पत्र”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

समाचार-पत्र

Newspaper

“ज्ञान और मनोरंजन का आधार, लोकतंत्र का पहरेदार,

जन जागरण का सूत्रधार, सचमुच है अद्भुत उपहार।”

भूमिका-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में मनुष्य अकेला नहीं रह सकता। विज्ञान ने जहाँ मनुष्य को अपना दास बनाया है, वहाँ बौद्धिक विकास के साथ-साथ विचारों की अभिव्यक्ति के साधन भी जुटाए हैं। भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश में विचारों के आदान-प्रदान के लिए समाचार-पत्र विशेष रूप में सहायक हैं। समाचार-पत्र देश की रीढ़ की हड्डी हैं, इनके बिना लोकतंत्र का जीवित रहना असंभव-सा प्रतीत होता है।

पूर्व इतिहास-भारत में सर्वप्रथम 1780 में कोलकाता से एक पत्र प्रकाशित हुआ। तत्पश्चात् आंदोलन के साथ भारत में पत्रकारिता का प्रसार होता गया। गांधी जी, लाजपतराय और तिलक जैसे नेता समाचार-पत्र को लेकर ही राष्ट्र नेता बने और अपने विचारों के द्वारा जनता में क्रांति ला दी।

विभिन्न समाचार-समाचार-पत्र आपको विश्व की घटनाओं, राजनैतिक चक्र की जानकारी तथा देश की प्रगति घर बैठे ही आप तक पहुँचा देता है।

 

व्यापार में सहायक-समाचार-पत्रों में बाजार भाव की पूर्ण जानकारी होती है। प्रत्येक व्यापारी समाचार-पत्र की बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा करता है। क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारी समाचार-पत्र के द्वारा ही लोगों को आकर्षित करते हैं।

ज्ञान-विज्ञान का भंडार-समाचार-पत्र जहाँ देश-विदेश के समाचारों की जानकारी देता है वहाँ खेल-खिलाड़ी के पृष्ठ पर खेलों का ब्यौरा देता है। उनके लेख नवीन आविष्कारों की जानकारी, यात्रा संबंधी लेख हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं। नाटक, कहानी, हास्य-व्यंग्यात्मक लेख आदि मनोरंजन की सामग्री समाचार-पत्र में ही होती है।

प्रचार का माध्यम-समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए, लोगों को अंधविश्वासों से बाहर निकालने के लिए समाचार-पत्र एक महान काम करता है।

विवाह विज्ञापन-समाचार पत्र आजकल घर बैठे आपके विभिन्न संबंधों की जानकारी देता है। इसके अतिरिक्त बेरोजगारों को रोजगार तथा संस्थाओं को योग्य कर्मचारी भी समाचार-पत्र प्रदान करता है।

समाचार पत्रों के प्रकार-समाचार-पत्र दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक और त्रैमासिक कई प्रकार के होते हैं। आजकल तो सांध्य दैनिक भी काफी प्रचलित हो चुके हैं। यह सनसनीपूर्ण घटनाओं से भरपूर जनता को आकर्षित करते हैं। पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं में समाचार कम होते हैं। उनमें नवीन प्रतिभाओं, विद्वानों के विचार तथा कहानियों आदि की भरमार होती है।

प्रकाशन की प्रक्रिया-समाचार-पत्र के प्रकाशन की प्रक्रिया अत्यंत जटिल है। देश के कोने-कोने में प्रत्येक समाचार-पत्र के संवाददाता समाचार एकत्र कर फैक्स दवारा संवाद भेजते हैं। शीघ्र ही लिपिकार विशेष कार्यक्रमों की रिपोर्ट भेजता है। संपादक उन्हें काट-छाँट कर छापने के लिए भेजता है। रातो-रात लाखों की संख्या में समाचार पत्र छप जाते हैं। फिर रेल, कार और वायुयान द्वारा देश के कोने-कोने में भेज दिए जाते हैं। समाचार-पत्र विक्रेता सूर्य के निकलते ही समाचार-पत्र जनता तक पहुँचा देता है।

हानियाँ-जब विशेष राजनैतिक, धार्मिक संस्थाएँ अथवा विशिष्ट व्यक्ति समाचार-पत्र अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग करते हैं, तो जनता गुमराह होती है। समाचार-पत्र किसी विशेष व्यक्ति, दल संस्था की धरोहर नहीं है। इसका निष्पक्ष होना अत्यन्त आवश्यक है।

उपसंहार-रुपये-दो-रुपये के समाचार-पत्र से राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों की जानकारी तो होती ही है, इससे भरपूर मनोरंजन भी होता है। अतः इसका मानव जीवन में विशेष महत्त्व है। यह जनता में क्रांति लाने का एकमात्र साधन है। इसमें वह शक्ति है, जो तोप और तलवारों में भी नहीं। समाचार-पत्र के संपादकों तथा मालिकों का कर्तव्य है कि वे समाचार-पत्रों का प्रयोग जन-जागरण के लिए करें।

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