Hindi Essay, Paragraph on “Sanskriti aur Dharam”, “संस्कृति और धर्म”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

संस्कृति और धर्म

Sanskriti aur Dharam

“संस्कृति’ शब्द संस्कार से बना है। संस्कार का सामान्य अर्थ होता है-ऐसे कार्य जो मनुष्य और उसके जीवन की उच्चता, पवित्रता और सब प्रकार की अच्छाइयों को प्रकट करने वाले हों। उनसे जीवन के सत्य की रक्षा तो हो ही, उसे सुन्दर बनाया जाना भी संभव हो। धर्म उसे कहा जाता है जिसमें अच्छी बातें, उदात्त मानवीय गुणों और अच्छाइयों की रक्षा कर पाने की शक्ति हो। इस प्रकार दोनों में एक प्रकार की समानता रहने पर भी वास्तव में दोनों अलग-अलग हैं। जैसे सत्य की रक्षा करना संस्कति का उद्देश्य है, धर्म का उद्देश्य भी लगभग वही होता है। इस कारण किसी संस्कति को धर्म-प्रेरित तो अवश्य माना जाता है पर धर्म ही संस्कति है. ऐसा नहीं। धर्म का संबंध हर व्यक्ति के मन से है, इस कारण भारत क्या सभी देशों में कई धर्म प्रचलित हैं। परंतु मूल रूप से संसार के सभी मनुष्यों में संस्कृति के उदात्त-उदार तत्व एक समान ही हैं। इसी कारण बहुधा धर्म एवं संस्कृति एक जैसे प्रतीत होते हैं। हर दृष्टि से अपने हर कार्य और प्रयास से जीवन में सुख-शांति पाना ही भारतीय संस्कृति और धर्म का परम उद्देश्य है। उत्तम आचरण और उत्तम कर्म करके ही इस उद्देश्य को पाया जा सकता है। भारतीय धर्म और संस्कृति दोनों का यही स्पष्ट मत है।

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