Hindi Essay, Paragraph on “Mere School ki Library ”, “मेरे विद्यालय का पुस्तकालय”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरे विद्यालय का पुस्तकालय

Mere School ki Library 

निबंध नंबर :-01 

मेरे विद्यालय का पुस्तकालय बहुत बड़ा है जिसमें सभी विषयों की हजारों पुस्तकें हैं। इसके अतिरिक्त उसमें बहुत-सी पत्रिकायें एवं समाचार पत्र भी हैं।

पुस्तकालय विद्यालय की इमारत के बेसमेंट में स्थित है। विद्यार्थी एक समय पर पुस्तकालय से दो पुस्तकें पढ़ने के लिये ले सकते हैं। सार्वजनिक पुस्तकालय न होने के कारण केवल अध्यापक एवं विद्यार्थी ही पुस्तकालय का प्रयोग कर सकते हैं।

पस्तकें ढूंढ़ने एवं चुनने में हमारी मदद करती हैं। उन्हें पुस्तकालय में रखी लगभग सभी पुस्तकों के नाम याद हैं। उन्हें यह भी याद है कि कौन सी पस्तक कहाँ रखी है। पुस्तकालय को व्यवस्थित रखने में दो लोग उनकी सहायता करते हैं।

मैं अपने मित्रों के साथ अक्सर पुस्तकालय जाता हूँ। पुस्तकालय जाना मुझे अच्छा लगता है क्योंकि वहाँ की शान्ति में मैं बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर सकता हूँ।

 

निबंध नंबर :-02

मेरे विद्यालय का पुस्तकालय

Mere Vidyalaya ka Pustkalaya 

‘पुस्तकालय’ अर्थात ‘पुस्तकों का घर’। पुस्तकालय में ज्ञान का भंडार होता है। मेरे विदयालय के भी एक पुस्तकालय है। उस पुस्तकालय में सैकड़ों पुस्तकें हैं। सभी विद्यार्थियों को वहाँ जाना बहत भाता है। मैं भी इस प्रतीक्षा में रहता हूँ कि कब पुस्तकालय में जाकर पुस्तकें पढ सकें। पुस्तकालय में अनेक विषयों की पुस्तकें होती हैं, जो हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं; जैसे-विज्ञान सामान्य ज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, साहित्य आदि। मुझे कहानियों की पुस्तकें पढना बढ़त अच्छा लगता है। पुस्तकालय के कुछ नियम होते हैं। हमें उनका पालन करना चाहिए। वहाँ बातचीत नहीं करनी चाहिए, बल्कि शांतिपूर्वक बैठकर पढ़ना चाहिए। पुस्तकालय से ली गई पुस्तकों के पृष्ठ नहीं फाड़ने चाहिए और न ही उन पर अपना नाम, फोन नंबर आदि लिखना चाहिए। पुस्तकालय सभी के लिए होता है। अतः हमें सभी की सुविधा का ध्यान रखना चाहिए। मैं अपने पुस्तकालय के नियमों का पालन करता हूँ तथा जब भी मौका मिलता है, वहाँ जाकर पुस्तकें पढ़ता हूँ, जिससे मनोरंजन तो होता ही है, साथ ही ज्ञान में भी वृद्धि होती है।

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