आग में लिपटा एक घर
A House on Fire
एक रात मैं छत पर सो रहा था। घड़ी ने अभी-अभी बारह बजने की सूचना दी थी। तभी “आग! आग!” की आवाजें सुनाई पड़ी। मैं एक झटके से उठ गया और गली में देखने लगा। हमारी गली के एक घर में आग लगी थी।
तेजी से उस घर की ओर चल पड़ा। वहां पहले ही बहुत भीड जमा का व्यक्ति रेत और पानी की सहायता से आग बुझाना चाहता था। पर सेकुछ प्रभाव नहीं पड़ रहा था। अन्दर से तेज चीखों की आवाजें आ रही और यह घर श्री गुप्ताजी का था जो एक दुकानदार हैं।
जल्दी ही दो दमकल की गाड़ियाँ वहाँ पहुँच गयीं। अग्निशामक कर्मचारी से उतरकर अपने काम में जुट गये। उनमें से कुछ ने आग पर पानी कने के लिए हॉज़ पाइप का प्रयोग किया। दो अग्निशामक कर्मचारी घर में प्रस गये और घर वालों को बचाया। एक बच्चे को हल्की-सी चोटें आयी थीं। सौभाग्यवश आग से किसी के जीवन का नुकसान नहीं हुआ।
आधे घंटे के भीतर कर्मचारियों ने आग पर काबू पा लिया पर घर का बड़ा हिस्सा राख बन गया था। श्री गुप्ताजी का उस रात बहुत नुकसान हुआ।