Hindi Essay on “Swadesh Prem”, “स्वदेश प्रेम”, Hindi Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

स्वदेश प्रेम

Swadesh Prem

 

हमारी मातृभूमि हमारे लिए हमारी जननी, माता की तरह है। हमारा देश हमें अन्न व अन्य सुख-सुविधाएँ प्रदान करता है जिससे हमारा जीवन समृद्ध और संपन्न हो जाता है। अपने देश के प्रति आदर व प्रेम की भावना हमारा कर्तव्य है।

इसी आदर  और प्रेम से हमारे अंदर राष्ट्र सेवा की भावना उत्पन्न होती है। स्वदेश प्रेम की  भावना हमारे स्वार्थ से परे है और यह हमें अपने देश की अच्छाइयों-बुराइयों को अपनाने की प्रेरणा देती है।

बिजली-पानी बचाकर हम देश की उन्नति में सहायता कर सकते हैं।  वृक्षारोपण के द्वारा हम देश के वातावरण को स्वच्छ बना सकते हैं। हमें कूड़ा सड़कों पर नहीं फेंकना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकना चाहिए।

यदि हम धनी हैं तो निर्धनों के उत्थान के लिए अपने प्रयोग में न आनेवाले  वस्त्र आदि दान करने चाहिए। विद्यार्थी साक्षरता अभियान के अंतर्गत निरक्षर लोगों को पढ़ना-लिखना सिखा सकते हैं।

हमें देश की बुराइयों का कारण समझना चाहिए न कि उनका डंका बजाना चाहिए। अंधविश्वास और कुरीतियों का विराध कर हमें लोगों को जागरूक करना चाहिए। एक सजग नागरिक ही स्वदेश प्रेम का अर्थ जान सकता है।

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