Hindi Essay on “Meri Priya Pustak Malgudi Days”, “मेरी प्रिय पुस्तक मालगुडी डेज”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरी प्रिय पुस्तक मालगुडी डेज

Meri Priya Pustak Malgudi Days

मेरी बचपन से ही पुस्तकों से गहरी मित्रता रही है। पहले मुझे बड़े-बड़े चित्रों वाली पुस्तकें बहुत रोचक लगती थीं। अब मैं अच्छी तरह पढ़ सकता हूँ अत: मुझे सभी विषयों की पुस्तकें रुचिकर लगती हैं। ‘मालगुडी डेज’ मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है। आर. के. नारायण द्वारा रचित इस पुस्तक पर कई टी.वी. कार्यक्रम भी बनाए गए हैं।

इस पुस्तक में दक्षिण भारत के एक छोटे से गाँव के किस्से हैं। इसमें मुख्य पात्र स्वामी है। स्वामी एक नटखट बालत है जो यहाँ-वहाँ किसी-नकिसी समस्या में उलझा रहता है। उसे किताबें नहीं भातीं और वह अपने मित्रों सहित नित नए क्रियाकलापों में लगा रहता है।

मुझे स्वामी का जिज्ञासु स्वभाव बहुत उत्साहित करता है। उसको अपने मित्रों के प्रति इमानदारी हमें बहुत प्रेरणा देती है। मन से अति भोला स्वामी किसी की भी बातों में आ जाता है।

पुस्तकें हमें बहुत-सी अच्छी बातें सिखाती हैं। ये हमारी कल्पनाशक्ति का भी विकास करती हैं। कहानियाँ पढ़ते हुए, हम कहानियों के पात्रों की तरह अच्छे-बुरे अनुभव करते हैं। इतने प्रकार के अनुभव कराने वाली पुस्तकों को हमें आदर सहित, सुव्यवस्थित रखना चाहिए।

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