Hindi Essay on “Hospital ka Drishya ”, “अस्पताल का दृश्य”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

अस्पताल का दृश्य

Hospital ka Drishya 

अस्पताल एक ऐसा शब्द है जिससे सभी डरते हैं क्योंकि यहाँ पर रोगियों को ही ले जाया जाता है। रोगी शब्द से सभी चिढ़ते हैं। भगवान् किसी को अस्पताल का मुँह न दिखाए तो अच्छा है। अस्पताल में पहुंच कर तो ऐसे लगता है जैसे सम्पूर्ण संसार रोगी है। सभी खिड़कियों पर लोगों की लम्बी-लम्बी पंक्तियां दिखाई देती थीं। भीड़ इतनी अधिक थी कि कहीं भी पैर रखने की जगह न थी। जिनके रोगियों की स्थिति नाजुक थी ये तो काफी घबराए हुए प्रतीत हो रहे थे। कुछ लोग घबराहट में इधर-उधर भाग रहे थे। एक-एक रोगी के साथ सम्बन्धियों के अतिरिक्त सहानुभूति दिखाने वालों की भीड़ थी। लोग इधर-उधर बैठकर जमीन पर ही खाना खा रहे थे। कैन्टीन वाले मुंह मांगे दामों पर अपनी खाद्य सामग्री बेच रहे थे। कुछ लोग अपने मृत सम्बन्धियों के शवों को रोते हुए ले जाते दिखाई दिए। जिनके रोगी स्वस्थ हो चुके थे उनके चेहरों पर रौनक थी। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि किसी को अस्पताल का मुँह न दिखाए।

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