Hindi Essay on “Hamara Rashtriya Dhwaj”, “हमारा राष्ट्रध्वज”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

हमारा राष्ट्रध्वज

Hamara Rashtriya Dhwaj

निबंध नंबर :- 01

पंद्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालिस का दिन भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय है। इसी दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लालकिले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और भारत की स्वतंत्रता का ऐलान किया था। किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र का राष्ट्रीय ध्वज उसकी पहचान होता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों की पटियाँ हैं. इसीलिए इसे तिरंगा झंडा कहते हैं। हमारे तिरंगे झंडे में सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी है। यह रंग हमारे देशवासियों के त्याग और बलिदान का प्रतीक है। झंडे के बीच में सफ़ेद रंग की पट्टी है। यह रंग भारत की शांति मित्रता और सद्भावना जैसी भावनाओं को प्रकट करता है। तीसरी पट्टी का रंग हरा है। यह रंग भारत की खुशहाली और हरियाली का प्रतीक है। सफ़ेद रंग की पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र बना है। यह चक्र सारनाथ में अशोक के स्तंभ से लिया गया है। इस चक्र के बीच में चौबीस तीलियाँ हैं जो हमें हमेशा कार्यरत रहने की प्रेरणा देती हैं। हमारा तिरंगा झंडा देश की स्वतंत्रता और प्रभुता को दर्शाता है। इसके साथ हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता जुड़ी हुई है। हमारा तिरंगा झंडा देश के गौरव का प्रतीक है। इसमें प्रत्येक नागरिक का सम्मान निहित है। नागरिकों का भी यह कर्तव्य बनता है कि वे राष्ट्र-ध्वज का सम्मान व आदर करें।

निबंध नंबर :- 02

हमारा राष्ट्रीय ध्वज

‘तिरंगा’ हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। भारत की सभी सरकारी इमारतों एवं महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों पर तिरंगा फहराया जाता है। 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ। उसके बाद से तिरंगा हमारा राष्टीय प्रतीक बन गया।

हर राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है। यह राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है। हमारे तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग है जो साहस एवं शक्ति का प्रतीक बीच में सफेद रंग है जो पवित्रता एवं शान्ति का द्योतक है। हमारे ध्वज का तीसरा रंग हरा है जो हरियाली एवं समृद्धि का प्रतीक है। हर रंग समान अनुपात में ध्वज में विद्यमान है।

सफेद पट्टी के मध्य में एक चक्र होता है। जिसका रंग नीला होता है एवं उसमें 24 लकीरें होती हैं। यह राजा अशोक के लाट से लिया गया है। हमें अपने ध्वज का सम्मान करना चाहिये। हमारा कर्त्तव्य है कि हम किसी को भी ध्वज का निरादर न करने दें। स्वतन्त्रता दिवस एवं गणतन्त्र दिवस के अवसर पर ध्वज फहराया जाता है। राष्ट्रीय शोक की दशा में यह आधा झुका दिया जाता है।

हमारा राष्ट्रीय ध्वज हर भारतीय के हृदय में देश भक्ति के भाव को जागृत करता है एवं राष्ट्र के लिये मर-मिटने की प्रेरणा देता है।

हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज से प्रेम है। हम इसका सम्मान करते हैं।

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