Hindi Essay on “Gantantra Diwas – 26 January”, “गणतंत्र दिवस -26 जनवरी”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

गणतंत्र दिवस –26 जनवरी

Gantantra Diwas – 26 January

निबंध नंबर :- 01

26 जनवरी 1950 में भारत को गणतंत्र घोषित किया गया था। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इस उपलब्धि के बाद 1947 में मिली आजादी को पूर्णता प्राप्त हुई।

26 जनवरी हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस दिन पूर्ण अवकाश घोषित किया जाता है। इस दिन भारत के कोने-कोने में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

देश की राजधानी दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। सैनिक परेड में अपने अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन करते हैं। स्कूली छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सबका मन मोह लेते हैं। विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की सुंदर झांकियाँ भी निकाली जाती हैं।

राष्ट्रपति के द्वारा विशिष्ट सैनिकों और साहसी बालकों को पुरस्कृत किया जाता है। रात को राष्ट्रपति भवन छोटे-छोटे बिजली के बल्बों से जगमगा उठता है, वहाँ पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।

गणतंत्र दिवस हमें देश के प्रति हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराता है। हमें एक आदर्श नागरिक बनने का संकल्प करना चाहिए।

 

निबंध नंबर :- 02

 

गणतंत्र दिवस –26 जनवरी

Gantantra Diwas – 26 January

 

जिसको न निज गौरव तथा जिन देश का अभिमान है।

वह नर नहीं, नर पशु निरा है, और मृतक समान है।

 

भूमिका- प्रत्येक नर-नारी स्वतन्त्रा चाहते हैं। स्वतन्त्रता वरदान है और परतन्त्रता अभिशाप। हमक्षण भर के लिए भी परतन्त्र रहना नहीं चाहते। पशु पक्षी भी पिंजरे में बन्द होने पर छट-पटाते हैं। मानव तो संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है भला वह कब तक पराधीनता की बेढ़ियों में जकड़ा रह सकता है। जब कोई राष्ट्र दूसरे किसी अन्य राष्ट्र द्वारा पराधीन बना लिया जाता है, तो उसका अपना अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है। भारत देश को शताब्दियों तक पराधीनता का अभिशाप सहन करना पड़ा। एक लम्बे संघर्ष के बाद जब 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ तो प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। भारत स्वतन्त्र तो हो गया पर उसका अपना कोई संविधान नहीं था। सन् 1950 में नया संविधान बनने पर 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस घोषित किया गया।

26 जनवरी को संविधान का लागू होना- भारत को स्वतन्त्रता 15 अगस्त, 1947 को मिल गई थी, परन्तु तब हमारा अपना कोई संविधान नहीं था। देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। तभी से हम यह दिन गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। गणतन्त्र का अर्थ है सामुदायिक व्यवस्था। भारत में ऐसे शासन नई जिसमें देश के विभिन्न दलों, वर्गों एवं जातियों के प्रतिनिधि मिलकर शासन चलाते हैं।

ऐतिहासिक सन्दर्भ- 26 जनवरी के पीछे स्वतन्त्रता प्राप्ति के दृढ़ संकल्प की एक महान् घटना छिपी है। इसमें रावी के तट पर कांग्रेस ने अपने लाहौर अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में ‘पर्ण स्वराज’ की मांग की थी तथा पूर्ण स्वराज प्राप्ति का दृढ़ संकल्प लिया था। 1950 ई० में इसी दिन डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई थी। यह दिवस प्रथम वार बड़े समारोह से मनाया गया।

पर्व का आयोजन- यह उत्सव देश के सभी राज्यों में तथा विदेशों में भी मनाया जाता है, परन्तु भारत की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा निराली होती है। 26 जनवरी को प्रातः नौ बजे राष्ट्रपति अपने निवास से चौदह घोडो वाली बग्घी में बैठकर इण्डिया गेट पर आते हैं जहाँ तीनों सेनाओं के अध्यक्ष तथा प्रधानमन्त्री उनका स्वागत करते हैं। सबसे पहले राष्ट्रीय धव्ज फहराया जाता है तथा राष्ट्रगान होता है जिसके वाद सेना के तीनों अंगों की टुकड़ियाँ तथा पुलिस दल राष्ट्रपति को सलामी देते हुए निकलते हैं। यह राष्ट्रीय पर्व देश के निवासियों में नया उत्साह, नया बल, नई प्रेरणा और नई स्फूर्ति भरता है। देशभक्त शहीदों को श्रद्धाजालियाँ अर्पित की जाती हैं। 26 जनवरी के दिन राष्ट्रपति भवन में विशेष कार्य क्रम होते हैं।

उपसंहार- 26 जनवरी हमारा राष्ट्रीय त्योहार है जो हमारे हृदय में राष्ट्रीयता की ज्योति जगाकर हमें नव स्फूर्ति प्रदान करता है। यह पर्व हमें उन अमर सपूतों की याद दिलाता है जिन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में हँसते-हँसते अपने प्राणों का बलिदान दिया। हमारा कर्त्तव्य है कि भारत की स्वाधीनता की रक्षा के लिए आपसी भेद-भावों को भुला दें और राष्ट्र के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें। छात्रों को यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि वे भाषा, धर्म एवं जाति की दीवारों को गिरा देगें तथा यदि आवश्यकता हुई तो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

Leave a Reply